एक बीज उड़कर आया, और मिट्टी में समाया, मिट्टी ने उसे जगह दी, जीने की नई वजह दी,

                पेड़  


एक बीज उड़कर आया,

                             और मिट्टी में समाया, 

मिट्टी ने उसे जगह दी, 

                             जीने की नई वजह दी, 

उसने अपनी जड़े जमायी, 

                             शाखाओं पर कोंपल आयी, 

तने से तना रहा अटल, 

                             जरूरत उसकी प्रकाश व जल, 

दे लकड़ी, फल, फूल, पत्ते, शुद्ध हवा, 

                             प्रदूषण रोकथाम की ये है दवा, 

दसपुत्रो के तुल्य होता है एक पेड़,

                        हे मानव,जाग तू प्रकति को न छेड़,,,,,

hasya kavita, hindi, kavi sammelan, kavi sammelan hindi, kavi sammelan latest, latest hasya kavi, best comedi comedy, poetry, shayari, shair, sher, hasya kavi

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मुश्किले कितनी भी हो, संघर्ष जारी है l मंजिल अब दूर नहीं, जीत हमारी है l

मानव का लोभी मन है सबसे बड़ा प्रदूषण l लोभ विघ्न का सूत्र है, करता उन्नति भक्षण l

प्रेम एक एहसास है, खुशी का आभास है,