मानव का लोभी मन है सबसे बड़ा प्रदूषण l लोभ विघ्न का सूत्र है, करता उन्नति भक्षण l

           मानव का लोभी मन

मानव का लोभी मन है सबसे बड़ा प्रदूषण l 

लोभ विघ्न का सूत्र है, करता उन्नति भक्षण l 

व्यक्ति से व्यक्ति के मन, टुटे गए सारे बंधन l 

कुटिलता मुस्कान करे, सत्य करे यहाँ क्रंदन l 

शीघ्र परिणाम और लाभ, यही चाहता लोभ l 

धुआँ ,धुआँ धुँधला , प्रदूषित हो रहा क्षोभ l 

प्रदूषण का ज्ञान, रोकने कि विधि है जानता l 

निजी स्वार्थ की खातिर, नियम कोई नहीं मानता l 

भौतिक पर्यावरण का लोभ से होता सामना l 

तुच्छ सोच जगा रही नकारात्मक भावना l 

घृणा, क्रोध, ईर्ष्या, संकट का बन गए कारण l 

प्रकृति प्रेम कर सकता है इसका अब निवारण l 

प्रकृति के प्रति जागृत हो, मानव मे संवेदना l 

आध्यात्म से उच्च करे , भीतर की हम चेतना l 

जब लोभ जाएगा रुक, तो होगा कोई ना दुख l 

हरे स्वच्छ वातावरण से मिलेगा सच्चा सुख l 

देश दुखी तो सबको दुख देश सुखी तो सबको सुख l 

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